आन पडी तेरे द्वार कन्हिया अब तो संकट टाल कन्हियाँ,
टूटी हु मैं दर्पण सी लाज राख ले मेरे अंसुवन की,
मीरा नही मैं करमा नही मैं मैं इक दुखिया कलयुग की
लाज राख ले मेरे अंसुवन की,
तेरे सिवा मैं कुछ न जानू
तुम को अपना सब कुछ मानु,
सेवक हु तेरी बचपन की
लाज राख ले मेरे अंसुवन की,
तेरी है बस आस रे मोहन
बाकी है जींद सास रे मोहन,
दूर करो ये उल्जन सी
लाज राख ले मेरे अंसुवन की,
बबलू सहे है गाव् कन्हियाँ आके बचाले नाव कन्हियाँ,
डूब न जाए पूनम की
लाज राख ले मेरे अंसुवन की,