दाती माँ मेरी लाज रखना,
लाज सब की तू रखने वाली
तेरे दर पर आया माँ सवाली
दाती माँ मेरी लाज रखना,
मजबूर मैं तेरा पुजारी नवराते तेरे आये दातिये,
तेरे दर का माँ मैं भिखारी कहा पे अब जाए दातिये,
मेरे पास नही इक पाई
तू ही दिखला मेहर महा माई
दाती माँ मेरी लाज रखना,
कंजके माँ बिठाना चाहू मगर नही भोग है बना
कैसे तुझको मैं भोग लगाऊ नही पूरी हलवा चना
कैसे तेरी माँ ज्योत जगाऊ
कैसे चुनरी मैं तुझको उडाऊ
दाती माँ मेरी लाज रखना,
कोई मेरी हसी न उडाये मेहर बस इतनी करो
मेरे घर में ज्योत जग जाए करम शर्मा पे करो
तेरी तरफ नजर है मेरी हो मैया आज न करना देरी,
दाती माँ मेरी लाज रखना,