माँ तेरे दर पे प्यार आया है सदियों से बेशुमार आया है,
माँ भवन में हो या मन में हमारे हर पेहर में मैं तो भाग्यवान हु,
माँ तुम्हारी शरण में जब भी आउ तुम्हको पुजू और तेरी नजर में रहु,
माँ के आशीर्वाद से जहां पाया है,
माँ तेरे दर पे प्यार आया है सदियों से बेशुमार आया है,
इस भरे जग में अकेला था तेरा ही आसरा बस सहारा था,
तेरी भक्ति से माँ पूरी हर कामना जग मगा ता रहु मैं शहर बर में,
ठहरी कश्ती का पतवार आया है,
माँ तेरे दर पे प्यार आया है सदियों से बेशुमार आया है,