तेरे खाटू आने को जी चाहता है
आके ना जाने को जी चाहता है
दुनिया है बस एक नज़र का ही धोखा
तुझी में समाने को जी चाहता है
तेरे खाटू आने को दिल मेरा तड़पता है
एक बार बुला बाबा क्यों इतना परखता है
तेरे खाटू आने को .....................
हम हार गए बाबा दुखों ने घेरा है
जीवन अँधियारा है पापों का डेरा है
कर देना क्षमा प्यारे दिल मेरा मचलता है
एक बार बुला बाबा क्यों इतना परखता है
दीनानाथ कहते हो हम दीनो को अपनाओ
जो खाटू बुलाओ ना हर घर मिलने आओ
तेरे दर्शन के लिए तेरा टाबरिया तरसता है
एक बार बुला बाबा क्यों इतना परखता है
ये खेल तुम्हारे हैं क्यों इतना सताते हो
श्याम दासी कहे बाबा क्यों इतना रुलाते हो
भक्तों के मन का हाल तुम क्यों न समझता है
एक बार बुला बाबा क्यों इतना परखता है