तू है हारे का सहारा मेरे श्याम अब मैं हार गया दर पे आ ही गया,
मेरी सुन ले पुकार ओ श्याम तू है हारे का सहारा मेरे श्याम,
द्वारे तुम्हारे है दास खड़ा हाथ बड़ा दो शरण में पड़ा,
मैं तो तेरा हु अब नजर उठाएगा कब कर दे किरपा को तारण हार,
तू है हारे का सहारा मेरे श्याम .........
खाटू नगरियां में आया तेरी,
दास पे छाई है मुश्किल घडी,
अब तो तू ही मेरा कर ले ध्यान जरा,
करदे नाइयाँ को मेरी तू पार,
तू है हारे का सहारा मेरे श्याम अब मैं हार गया दर पे आ ही गया,
दर्श के प्यासे बरसते नैन,
तुझको पुकारे है मेरा ये मन अब तो दर्श दिखा,
दुःख के परदे हटा,
इस अनाथ के तुम ही हो अनाथ,
तू है हारे का सहारा मेरे श्याम अब मैं हार गया दर पे आ ही गया,
महिमा का गुणगान हम क्या करे,
राकेश चौहान अर्ज करे सुन ले विनती मेरी,
तुझसे आस पड़ी,
लेता सांवरियां तेरा ही नाम
तू है हारे का सहारा मेरे श्याम अब मैं हार गया दर पे आ ही गया,