नवराते आये सजा दरबार,की मैया मेरी आते होवेगी
देखो बादलो ने की है जैकार के मैया मेरी आती होवेगी,
फूलो की मेहक में है कशिश अलग सी
मैया के दर्श की है मन में ललक सी
चलो खोल अज भगती के द्वार,
के मैया मेरी आती होवेगी,
बरसा है अमृत शीतल समीर है
इस ज्योत का उजला सारे जग में अमीर है,
आजो भगतो की सुन के पुकार
मैया मेरी आती होवेगी,
दिल में उमंग संग मन में तरंग है
मैया जी के भजनों में झूमे अंग अंग है
संजीव भजने लगे दिल के तार
मैया मेरी आती होवेगी,