चलो माता वैष्णो के द्वार भक्तो
चलो माता, वैष्णो के, द्वार भक्तो,
यही तो है, सच्चा, दरबार भक्तो ll
माता रानी, भर देगी, ख़ाली झोलियाँ,
आना है, यहां पे, वार वार भक्तो l
चलो माता, वैष्णो के, द्वार,,,,,
संकट, मिटाने वाली, शेरोंवाली माँ,
विगड़ी, बनाने वाली, शेरोंवाली माँ l
विछड़े, मिलाने वाली, शेरोंवाली माँ
सपने, सजाने वाली, शेरोंवाली माँ ll
खुशियाँ, भी देगी, बेशुमार भक्तो,
यही तो है, सच्चा, दरबार भक्तो,,,
चलो माता, वैष्णो के, द्वार,,,,,
त्रिकुटा, पहाड़ पे है, माता का भवन,
वार वार, देखने को, करता है मन l
मईया जी के, चरणों में, लगी है लग्न,
मत, घबराओ, माता देगी दर्शन ll
आती हो के, शेर पे, सवार भक्तो,
यही तो है, सच्चा, दरबार भक्तो,,,
चलो माता, वैष्णो के, द्वार,,,,,
ममता, लुटाती माता, करती दया,
देती है, आशीश मईया, सभी को सदा l
यूँ ही, बरसाएगी वोह अपनी कृपा,
कभी ना, बुझेगा माँ के, प्यार का दिया ll
होने नहीं, देगी कभी, हार भक्तो,
यही तो है, सच्चा, दरबार भक्तो,,,
चलो माता, वैष्णो के, द्वार,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्ति भोपाल