तेरी किरपा से ओह माता चलता है परिवार मेरा
जग ये फीका लागे जब से देखा दरबार तेरा
तेरी किरपा से ओह माता चलता है परिवार मेरा
दुनिया दारी देखली हमने झूठा है पूरा संसार,
शेरावाली तेरे जैसा करता न कोई जग में प्यार,
क्यों मैं जग से प्रीत लगाऊ
जग से क्या है नाता मेरा
तेरी किरपा से ओह माता चलता है परिवार मेरा
लाख कोशिश बाद भी जब उम्मीद का सूरज ढलता है,
माँ से मिल के कह्दुंगी सब तेरी मर्जी से चलता है
जब तक तन में सास रहे करती रहू गुणगान तेरा
जग ये फीका लागे जब से देखा दरबार तेरा
तेरी किरपा से ओह माता चलता है परिवार मेरा