जीण भवानी माँ दर पे तेरे बुला ले
बेटा रोता है अब तो गले लगाले
कैसे बताऊँ हालत मेरी कौन मुझे संभाले
जीन भवानी माँ .................
ऐसी भी क्या मजबूरी जो तूने मुझको दूर किया
वहां भरे तू सबकी झोलियाँ यहाँ मैं मुश्किल से हूँ जिया
अब तो कर दे एक नज़र माँ गॉड में मुझे बिठा ले
जीन भवानी माँ .................
जब कहीं होती नहीं सुनाई तूने ही फिर राह दिखाई
सिंह चढ़े फिर दुर्गा बनकर भक्तों की है लाज बचाई
दानव दुश्मन थर थर कांपे जो तलवार उठा ले
जीन भवानी माँ .................
माफ़ करो जो भूल हुई माँ अब नहीं होता सहन मुझे
दर की सेवा में ही रखना ये दे आशीर्वाद मुझे
राजू ममता माँ की पा ले शिकवे सारे भुला ले
जीन भवानी माँ .................