आ भी जाओ जगदम्बे मेरे द्वार भवानी मोरे आँगन में
हम ने सुंदर सजाया दरबार भवानी मोरे आंगन में
आ भी जाओ जगदम्बे मेरे द्वार भवानी मोरे आँगन में
चारो और जलाए दीपक तेरी ज्योति जलाई
पान सुपारी ध्वजा नारियल हलवा खीर बनाई
लेके आई मालन फूलो के हार
भवानी मोरे आँगन में
करवा दी है सारे नगर में मैया हमने मुनादी
गाओ शहर हर इक गली को मैया हम ने सजा दी
आ भी जाओ होके शेर सवार भवानी मोरे आँगन में
विनती हम बचो की मैया अब सवीकार करो माँ
हे महा माई दर्शन देदो हे उपकार करो माँ
आ भी जाओ होके शेर सवार भवानी मोरे आँगन में