मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी,
इस अंधेरी रातों में,
रोशनी जलाओगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी......
क्या करूगी मैं आखिर,
दर पे माँ तेरे आकर,
पास मेरे कुछ भी ना,
क्या तुम्हें खिलाऊगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी.......
तू बड़ी दयालु है,
सबकी बात सुनती है,
सूनी पड़ी बगिया में,
फूल कब खिलाओगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी......
गुल खिलेगा गुलशन में,
माँ मुझे बुलायेगी,
दर पे माँ के आया हूं,
गोद में सुलाओगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी........
धूल तेरे चरणों की,
सिर पे माँ लगाऊंगी,
होठों से चूमूगी,
माथे पे सजाऊगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी........
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी,
इस अंधेरी रातों में,
रोशनी जलाओगी,
मैया तुम तो वरदानी,
पास कब बुलाओगी........