माये ये नो दिन ज्योत जलाई तेरी आज करते है मिलकर विधाई तेरी,
बन पड़ा हम से जैसा माँ सेवा किये
तेरे कदमो में रखदी आशा के दिए
ये घड़ी एसी आ रोके न रुके
है नैनं सब के भीगे माँ शीश जूके
सही जाए न हम को जुदाई तेरी
आज करते है मिलकर विधाई तेरी,
है निमंत्र्ण मेरा फिर तो आओ गी न
अपनी ममता का मेवा चखाओ गी माँ
अब जो आओ गी जाने न दूंगी तुम्हे अपने चरणों में रख लेना मैया मुझे
सही जाए न हम को जुदाई तेरी आज करते है मिल कर विधाई तेरी