जय जय वाल्मीकि जी सारा ही जग गावे

जय जय वाल्मीकि जी सारा ही जग गावे
सोहनी पालकी च सतगुरु चलेया आवे
मथे टेको आओ सारे शीश निबा लिए
अरशो धरती आई ज्योत इलाही आ

बजे नगाड़े गली बजारे श्रृष्टि करता आये ने
सब दे भाग जगाए ने सब दे लेख बनाये ने
घर घर होया रोशन सारा सब ने दीप जलाए ने
पाया चिड़िया ने चीख चिहाड़ा बड़ा पावन है अज दा दिहाड़ा
मथे टेको आओ सारे शीश निबा लिए
अरशो धरती आई ज्योत इलाही आ

अर्शो मीह फुला दा वरदा देवते देंन वधाईया जी
अज सोह्नियाँ रुता आइया
सब दिंदे वधाईया जी
परम पिता प्रभु वाल्मिक ने कैसिया रोंनका लाइया जी
बड़ा च्डेया ऐ चा सारे जग नु धन सची हो गे वेख उस रब नु
मथे टेको आओ सारे शीश निबा लिए
अरशो धरती आई ज्योत इलाही आ

तीन लोक दे मालिक सतगुरु युग युग दे भंडार भरे
दाता सबनू प्यार करे
आप बनावे आपी वेखे
आपे सबनू प्यार करे सिफता कुल संसार करे
प्रिंस सोनू नु सच है सुनाया प्रभु ज्योत सुनेहरी विच आया
मथे टेको आओ सारे शीश निबा लिए
अरशो धरती आई ज्योत इलाही आ
download bhajan lyrics (630 downloads)