मेरी चढ़ती बेल उजड़ी काहे का मुरली वाला ,
काहे का मुरली वाला काहे का जग रखवाला ,
मेरी चढ़ती बेल उजड़ी काहे का मुरली वाला ,
तेरी भक्ति में बता क्या फायदा ॥
परेशान करे ज्यादा ज्यादा॥
मेरे मन में रे मेरे मन में ,
मेरे मन में दुविधा भारी काहे का मुरली वाला ,
मेरी चढ़ती बेल उजाड़ी ..........
तन्ने द्रोपद बहन बनाई क्यों॥
फिर सभा बीच बुलवाई क्यों॥
कैरो ने हाय कैरो ने,
कैरो ने खींची साड़ी काहे का मुरली वाला ,
मेरी चढ़ती बेल उजाड़ी ..........
तुझे नरसी ने दिल तै चाहया॥
फिर क्यों बेटी पे पिटवाया ॥
कोड़ो से रे कोड़ो से,
कोड़ो से काया फाड़ी काहे का मुरली वाला,
मेरी चढ़ती बेल उजाड़ी..........
महेंद्र सिंह जी मेरी खता बता॥
क्यों खामोख़ा की रहया सता॥
मेरी किस्मत लिख दी माड़ी काहे का मुरली वाला ,
मेरी चढ़ती बेल उजाड़ी काहे का मुरली वाला ,