छोटे से मंदिर में बाबा करता बड़ा कमाल है
जो आया मालामाल है नैनवा निहाल है
छोटे से मंदिर में बाबा ...............
एक बार जो आया दर पे देखो उसकी बगिया में
बिन पानी के हरी भरी है श्याम सुन्दर की छैया में
देख तो ले तू शीश नवा के सेठ बने कंगाल है
जो आया मालामाल है नैनवा निहाल है
छोटे से मंदिर में बाबा ...............
जबसे देखि छवि जो इसकी नैन झपकना भूल गए
जीवन में जो शूल थे छुपते अब खिलके हैं फूल हुए
सोलह सुखों का दाता जब है भटके क्यों बदहाल है
जो आया मालामाल है नैनवा निहाल है
छोटे से मंदिर में बाबा ...............
मेरा मन अब मेरा नहीं तेरा दर अब तेरा नहीं
तू मेरे मन का है मालिक नौकर का अब डेरा यहीं
राजू जिसका श्याम सहारा उससे बड़ी क्या ढाल है
जो आया मालामाल है नैनवा निहाल है
छोटे से मंदिर में बाबा ...............