अपने सांवरिया के मैं करीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
अपने सांवरिया के ...................
श्याम का दर घर लगता अपना
इस दर से हुआ सच हर सपना
जब भी मैं हार के दर पे आता हूँ
दुनिया के सारे ग़म भूल जाता हूँ
साथी मेरा हर पल हर क्षण
ये मेरा मैं इसका राहगीत हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
श्याम नाम धन मैंने पाया
जीवन मेरा है हर साया हर्षाया
जब जब मैं श्याम का नाम लेता हूँ
तब तब मैं खुशियों को थाम लेता हूँ
नाम की दौलत मुझको मिली है
कौन कहेगा मुझको मैं गरीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
सबका मालिक श्याम धणी है
श्याम कृपा चहुँ और कड़ी है
जीवन में अब कोई शिकवा नहीं गीला
आनंद ही आनंद है आनंद धन मुझे मिला
बिट्टू भजन से ज़िन्दगी बानी है
ये मेरे और इसके मैं करीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
अपने सांवरिया के .................