बैठा सज धज के देखो मेरा लखदातार है

सज गई खाटू नगरी शोभा अपरम पार है
बैठा सज धज के देखो मेरा लखदातार है

उमड़ी जन्म दिवस पर भगतो की कतार है,
बैठा सज धज के देखो मेरा लखदातार है

रंग बिरंगे निशान उठाये भगत हर और से आये,
कोई लहराए कोई बल खाए कोई श्याम भजन सुनाये
रोनक रिंग्स से खाटू की ना जाए कही
लगता है स्वर्ग उतरा इस धरा पर ही
मानव रूप पे क्या ये देवो का अवतार है,
बैठा सज धज के देखो मेरा लखदातार है

हर गयारस से अलग है ये ग्यारस जिसे श्याम प्रेमी तरस ते,
बड़े भाग वालो पे श्याम किरपा के याहा आज बादल बरसते,
जो भी देने बधाई खाटू धाम आ गया
उस को बिन बोले दुःख से आराम आ गया
हर इक प्रेमी श्याम की लीला पर निसार है
बैठा सज धज के देखो मेरा लखदातार है

रंगी गुबारों की झांकी कही पे कही फूल बंगला सजाया
कोई केक लाया है मेवे वाला कोई चूरमा लेके आया
सारे दीवाने मस्ती में ढोल रहे
आओ जीवो सांवरियां यही बोल रहे
गुलशन भगतो के संग झूम रहा सरकार है
बैठा सज धज के देखो मेरा लखदातार है
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