सँवारे का भक्तो ने ऐसा किया शृंगार है

सँवारे का भक्तो ने ऐसा किया शृंगार है,
खूब सजी है खाटू नगरी,
जिधर भी देखो रंग बिरंगी फूलो की बहार है,
सँवारे का भक्तो ने ऐसा किया शृंगार है,

मोगरा वेला जूही चमेली सब है गूंद हार में,
ता के कमी न रह जाये कुछ ठाकुर के शृंगार में,
आ श्याम छवि को जो भी देखे उसका जीवन ढोले,
नर नारी सब झूम के बोले छपका शानदार है,
सँवारे का भक्तो ने ऐसा किया शृंगार है,

रंग लाये लाल गुलाल आये भक्त झूम के,
माथे मल के अपने अभी पिचारी को चूमते,
श्याम को रंग लगाने आये सँवारे के मस्ताने,
फागुन आया धूम मची है होली का त्यौहार रे,
सँवारे का भक्तो ने ऐसा किया शृंगार है,

श्याम धनि खाटू रतन कहते है सवाली,
भरता है भक्तो की बाबा झोली खाली,
इसके दर पे कोई भी मंगता आज तलक नहीं रोटा,
दुनिया बोले खाटू वाला श्याम लख दातार है
सँवारे का भक्तो ने ऐसा किया शृंगार है
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