आया रंग रंगीला मेला भक्तो का त्यौहार है
छाई बहार हैं खुशियां अपार हैं
मील लगता भारी है आती दुनिया साड़ी है
चारों तरफ ध्वजा लहरें लगती शोभा प्यारी है
भक्तों के मुख से हैं गूंजे श्याम की जय जैकार है
छाई बहार हैं खुशियां अपार हैं
श्याम के फागण मेले में एक बार जो भी आता है
श्याम कृपा कर देते हैं हर फागण वो आता है
हर प्रेमी की झोली भरता ये तो लखदातार है
छाई बहार हैं खुशियां अपार हैं
ऐसा गज़ब नज़ारा है और कहीं नहीं मिलता है
किस्मत से खाटू का मेला हर प्रेमी को मिलता है
सजती खाटू नहरी सारी सजता ये दरबार है
छाई बहार हैं खुशियां अपार हैं
फागण की ग्यारस को खाटू देवता भी आते हैं
रूप सलोना श्याम धणी का देख के खुश हो जाते हियँ
गौरी तू भी चल मेले में राकेश गया हर बार है
छाई बहार हैं खुशियां अपार हैं