अरे रे रे ऐसे थे हनुमान

ब्रह्मचारी ता उम्र रहे नही लिया विवाह का नाम
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान
राम भगती में लीन रहे सदा आये राम के काम
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान

राम दूत बन लंका पोंहचे अपना सूक्षम रूप बना के,
कितना ही बड़ा काम किया लंका को पल में जला के
अपनी शक्ति पेहले पता नही थी बाद में आया ज्ञान
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान

लंका पति रावन से जुजे बल अपना दिखलाया,
रावन के चंगुल से मात सिया को मुकत कराया
उनके जैसा बल है किस में वो सब से बलवान
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान

पवन वेग से उड़ ने वाले हनुमान बड़े महान
राम के संग हॉवे घर घर में वीर बजरंगी का गुणगान
अजर अमर का पाया राम सा हनुमंत ने वरदान
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान
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