बाबा सुन कर तुम्हारी कहानी आ गया मेरी आँखों में पानी
हो गई मैं तुम्हारी दीवानी आ गया मेरी आँखों में पानी
वाह रे वाह बाबा तेरी पातशाही
फिकर तूने यहाँ की मिटाई
खुद बिछाया जमीन का बिछोना
ओड ली आसमान की रजाई
तुम सा देखा नही कोई दानी
आ गया मेरी आँखों में पानी
दर बदर तू अलख जगाये सब के दुःख में अनसु बहाए
पेट सारे जहां का भरे तू मांग कर खाए बाबा तू खाए
मैंने जिस पल हकीकत ये जानी
आ गया मेरी आँखों में पानी
फूल सा दिल तेरा ओ शिर्डी वाले
पड़ गए कैसे पाओ में शाले
क्यों फकीरी तेरे मन को भाई
तू ही जाने रे ओ शिर्डी वाले
तूने मन में न जाने क्या ठानी
आ गया मेरी आँखों में पानी