सिया राम का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने,
बजवा दिया बजरंग बाला ने,
वो माँ अंजनी के लाला ने,
सिया राम का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
सूती मंदोदरी सपनो आयो,
सपनो विस्वा विसस् जी
कूदता देखिया रीछ बानरा ,
कटता देखिया सीस जी,..
सिया राम का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
केवे मंदोदरी सुन पिया रावण,
आ कई कुबुद्ध कमाई रे,
तीन लोक री मात जानकी,
ज्याने तू हर लाइ रे,
सिया राम का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
मेघनाथ सा पुत्र हमारे,
कुम्भकरण सा बल भाई रे,
लंका सरीका कोट हमारे,
साथ समुद्र खाई रे,
सिया राम का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
लक्ष्मण जी के शक्ति लागी,
वीर बली उठ आओ जी,
महावीर पर्वत ने उठाकर,
भाई लखन रा प्राण बचाओ जी,
सिया राम का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
रावण मार राम घर आये,
घर घर बटत बधाई रे,
सुनीजन मुनिजन आरती उतारे,
तुलसीदास जस गाई रे,
सिया राम का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने,
बजवा दिया बजरंग बाला ने,
वो माँ अंजनी के लाला ने,
सिया राम जी का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
मनोज कामरा
गजसिंहपुर राजस्थान