सूरज से किरणों का रिश्ता सीप से मोती का
तेरा नेरा वी रिश्ता जो आँख से ज्योति का
मैं दिल तू धड़कन तुझसे मेरा जीवन
कांच के जैसा टूट जाऊंगा टूटा जो ये बंधन
मैं दिल तू धड़कन ..................
तू ही साथी तू ही मांझी तू ही यार मेरा
तुझ बिन सूना है ये जीवन ये संसार मेरा
खुद को भी देखा है तुझमे तू मेरा दर्पण
मैं दिल तू धड़कन ..................
दुनिया से ठुकराया हूँ मैं आया तेरे द्वार
हार गया हूँ थाम ले अब तो मेरे लखदातार
बुझता दीपक तेरी चौखट पे होता रोशन
मैं दिल तू धड़कन ..................
तेरे दम से जुडी हुई हैं साँसों की ये कड़ी
तुझ बिन एक पल जीना सकूंगा मेरे श्याम धणी
तेरा मेरा साथ ना छूटे तुमसे है वंदन
मैं दिल तू धड़कन ..................