क्या ढूंढे मन मेरा साधू क्या ढूंढे मन मेरा,
भटक गए सब लोग सयाने करत करत इक फेरा,
लाख यत्न कर ऋषि मुनि हारे 
मिला न मन को निबेरा 
क्या ढूंढे मन मेरा साधू क्या ढूंढे मन मेरा,
पाथर चुन चुन मेहल बनाये 
लोग कहे घर मेरा 
न घर तेरा न घर मेरा चिड़िया रेहन बसेरा 
क्या ढूंढे मन मेरा साधू क्या ढूंढे मन मेरा,
भाई बंधू स्वार्थ के साथी सब केहते ये मेरा साधू 
केहत कबीर सुनो बई साधू इक दिन जंगल डेरा 
क्या ढूंढे मन मेरा साधू क्या ढूंढे मन मेरा,