लाल लाल सिंधुर हनुमत को बाहता,
हनुमत को बाहता मेरे हनुमत को बाहता
मंगल शनी को दर उस के जो जाता सिन्धुर से हनुमत को रिजाता
मन चाहा फल वो है पाता,
हनुमनत का प्यारा वो है कहाता
लाल लाल सिंधुर हनुमत को बाहता,
लाल लंगोटा दीजिये उसे नजराना
खुश हो जायेगे वीर हनुमाना
चहु और होगा मंगल ही मंगल
मिट जाए विपदा न होगा अमंगल
बजरंगी की धुनी जो रमाता
हर दुःख से वो मुक्ति है पाता
हनुमनत का प्यारा वो है कहाता
लाल लाल सिंधुर हनुमत को बाहता,
राह दिखाए सही बजरंग बाला,
है वो निराला मेरा अनजनी का लाला
पल में है कौन उनके बराबर
सदा ही करना उनका तुम आदर
हनुमत के गुण जो प्राणी गाता,
सुख से लपा लप वो हो जाता
हनुमनत का प्यारा वो है कहाता
लाल लाल सिंधुर हनुमत को बाहता,
आये शनि देव का संकट जो भारी
हनुमत काटे देखो विपदाए सारी,
उसके चालीसा जो रोज पड़ ते
राम नाम का गुणगान करते
बजरंगी का दर्श मिल जाता
उसका कारज सिद्ध हो जाता
हनुमनत का प्यारा वो है कहाता
लाल लाल सिंधुर हनुमत को बाहता,