धूम मची मैया के दरबार में
भीड़ लगी है मैया के दरबार में
दूर दूर से भक्त है आये लाल चुनरियाँ माँ को चड़ाये
पान सुपारी ध्वजा नारियल शरदा से मैया को चड़ाये
लग रहे जय कारे घर घर परिवार में
भीड़ लगी है मैया के दरबार में
निर्धन को है धन देती माँ कोडियन को देती काया
जो भी माँ के दर पे आया खुशियाँ झोली भर के पाया
अप्रम पार महिमा माँ की संसार में
भीड़ लगी है मैया के दरबार में
भात लगा कर देह्शी दरिन्दे बेटियों को रोज सताए
चीख चीख कर माता बेहने बेटियां माँ तुम्हे बुलाये,
नही शुरक्षित बेटियां अब घर बार में
भीड़ लगी है मैया के दरबार में