जय हो जय हो घजानन तुम्हारी कैसे करते हो मुसक सवारी,
तेरी आंखे छोटी छोटी बाहे
रखे चारो दिशा में निघाहे,
पेट तेरा बहुत है भारी कैसे करते हो मुस्क सवारी
जय हो जय हो घजानन तुम्हारी कैसे करते हो मुसक सवारी,
काज दीवन के तुमने सवारे शिव शंकर के तुम बड़े प्यारे
ओ रे गोरा तुम्हारी माँ तारी कैसे करते हो मुसक सवारी,
जय हो जय हो घजानन तुम्हारी कैसे करते हो मुसक सवारी,
विघन वाधा मिटाने वाले अपने भगतो के हो रखवाले
तुम आधी देव अवतारी कैसे करते हो मुसक सवारी,
जय हो जय हो घजानन तुम्हारी कैसे करते हो मुसक सवारी,