तेरे गले में, सजे हैं सोहने हार दातिए ll,
"तेरा सबसे, निराला है शृंगार दातिए" ll
तेरे पैरों में पाज़ेब, बिछुए माँ सजते
तूँ जो, चलती तो मंदिरों में, शँख वजते ll
तेरी शक्ति का है, ऐसा चमत्कार दातिए ll,
तेरा सबसे, निराला है शृंगार दातिए ll
तेरे चरणों में आ के, सभी गाते झूमते
रखे, यहाँ तूँ कदम, उस जगह को चूमते ll
तेरी दया का भरा है, भंडार दातिए ll,
तेरा सबसे, निराला है शृंगार दातिए ll
केवल महिमा को देख, तेरे द्वारे आ गया
तेरी, भक्ति का मुझ पे, नशा है छा गया ll
दे दे सागर को, अपना दुलार दातिए ll,
तेरा सबसे, निराला है शृंगार दातिए ll
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल