तर्ज - उड़ जा काले कौवा तेरे ....
आया हवा का झोंका लाया शुभ संदेशा लाया
मंगल बेला अनुपम अवसर अंगना हमारे आया
बाबोसा के द्वार पे भक्तो , आनंद मंगल छाया
मिग्सर की पांचम का मेला, चुरू धाम बुलाया
आओ सब चुरू चले बाबोसा के धाम के चले,
आया हवा का झोंका लाया.....
मिग्सर पाँचम चुरू धाम में, मेला लागे भारी
दूर दूर से दर्शन करने , आवे नर ओर नारी
स्वर्णिम है इतिहास ये देखो , दिन ये बड़ा ही प्यारा
राजतिलक हुआ बाबोसा का , हर्षित है जग सारा
आओ सब चुरू चले बाबोसा के धाम के चले,
आया हवा का झोंका लाया.....
मन की मुरादे पूरी होती , आते जो चुरू धाम
तांती भभूति जल से ही , वहाँ बनते है हर काम
उत्सव है ये बड़ा सुहाना , कही भूल न जाना
चुरू धाम जो आये दिलबर , हो जाये इनका दीवाना,
।।रचनाकार।।
दिलीप सिंह सिसोदिया