चालो आपा चाला चूरू धाम जी जठे अटकियोडा

तर्ज - मेहंदी राचन लागी हाथा में....        

आओ आपा मिलकर चाला , जठे चुरू धाम जी  
जठे अटकियोडा बण जासी , थारा सगळा काम जी

लागी लागी रे लगन , बाबोसा रे नाम री
दुनिया हुई है दीवानी , ईण चुरू धाम री

मूरत सुहानी थारी , प्यारो प्यारो मुखड़ो
चम चम चमके जंय्या , चाँद रो टुकड़ो
बरसे नैना सु अमीरस , देखो अविराम जी
दुनिया हुई है दीवानी , ईण चुरू धाम री
आओ आपा मिलकर चाला...

बाबोसा ने देख भगता , होया है निहाल जी
जादू सो कर गयो  , माँ छगनी रो लाल जी
संकट सारा ही  हर लेवे  बाबोसा रो नाम जी
दुनिया हुई है दीवानी , ईण चुरू धाम री
आओ आपा मिलकर चाला...

चूरू में बणियो थारो  , धाम ओ न्यारो
केवे मंजू बाईसा ओ , लागे घणो प्यारो
दिलबर  केवे भक्ता  चालो , चाला चुरू धाम जी

वठे अटकियोडा बण जासी , थारा सगळा काम जी
लागी लागी रे लगन , बाबोसा रे नाम री
दुनिया हुई है दीवानी , ईण चुरू धाम री

                       ।।।।
                ✍️ रचनाकार ✍️
             दिलीपसिंह सिसोदिया      
                 ❤️ दिलबर ❤️  
              नागदा जक्शन म.प्र.
             
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