अरे कान्हा हाथ पकड़ ले मेरा,
मने एक सहारा तेरा....
गंगा भी नहाई मैं तो जमुना भी नहाई,
अरे कान्हा मेल कटा ना मेरा, मने एक सहारा तेरा.....
लहंगा भी पहरा मैंने चुनरी भी ओढ़ी,
अरे कान्हा अंग ढका ना मेरा, मने एक सहारा तेरा.....
हार भी पहना सिंगार भी कीना,
अरे कान्हा रूप खिला ना मेरा, मने एक सहारा तेरा.....
हलवा भी खाया मैंने पूरी भी खाई,
रे कान्हा पेट भरा ना मेरा, मने एक सहारा तेरा....
रेल में बैठी मैं तो जहाज में बैठी,
रे कान्हा सफर कटा ना मेरा, मने एक सहारा तेरा.....
ब्याह भी किया मैंने गोना भी किना,
रे कान्हा पति हुआ ना मेरा, मन एक सहारा तेरा....
बेटा भी जाया मैंने बेटी भी जाई,
रे कान्हा कोई हुआ ना मेरा, मने एक सहारा तेरा.....
मंदिर भी पूजा गुरुद्वारा भी पूजा,
रे कान्हा ज्ञान मिला ना तेरा, मने एक सहारा तेरा.....