सांगलिया दरगाह प्यारी

यहाँ दूर दूर से दर्शन करने ,आते है नर नारी
सांगलिया दरगाह प्यारी ,
यहाँ ज्योत अखंडी जगदम्बा की,संत तपस्या साजे,
ये लक्कड़ फक्कड़ की तपो भूमि है, निकलंग की नोपत बाजे,
यहाँ वचनसिद्ध है महापुरुष ,है बड़े तपधारी,

श्री लक्कड़ मंगल और मिठाराम जी, दुल दास जी स्वामी,
श्री राम मान और लादूदाता ,खिंवादास जी नामी,
भगतदास जी ,बंशी दास जी ,ओमदास जी अवतारी,

है अडिग आसन्न सांगलपति का, सत का लगता पहरा,
पूनम और अमावस मेलो लागे ,आवे भगत घनेरा ,
सुबह शाम नित होव आरती, जागे अलख करारी,

यहाँ पर उपकारी संत बड़े ,दयालु और दातारा ,
निर्गुण से सगुण भये प्रकट ,ले परमार्थ अवतारा,
विनोद महिमा मोकळी गावे,आयो शरण तिहारी,

        विनोद बामणिया 7610000645

श्रेणी
download bhajan lyrics (635 downloads)