चल पेया झोला लेके प्यार दा,
प्यार ना मिले कहिं,
पैसा देके लाते हैं खुशियां नु,
पर यार ना मिले कहीं,
जिंदगी ये दो पल्लां दी,
हस्ते गांदे कट लैनी,
तेरी मेरी सेम कहानी,
ना कोई राजा ना रानी,
ये रंग बिरंगी दुनिया,
इसे माया का चड़ा है फितूर,
मैं आजाद परिंदा,
नी मैं उड़ जाना बड़ी दूर,
मैं बन जाना फकीर,
मैं जग तो की लेना,
नी मैं बन जाना फकीर,
मैं जग तो की लेना,
जिथे ले जावे तकदीर,
ओथे मैं तुर जाना,
बन जाना फकीर....
यहाँ कौन किसका हो पाया,
कुछ भी नहीं सच यहाँ,
सब फसे माया के जाल में,
कुछ को नशे ने दुबया,
अनोखा नजारा ये दुनिया का,
ना कोई अपना ना कोई बेगना,
जिसको भी समझा था,
अपना कभी मैंने,
उसने ही समझा बेगना,
ओह बड़ी कोठी नहीं चाहिदी,
इक झोपड़ी ही सही,
दिल दा है जे सुकून,
घर मिल जाए रे कहि,
मैं बन जाना फकीर,
मैं जग तो की लेना....
दुनिया है मेला,
यहाँ खेल सभी ने खेला,
दुनिया है मेला,
यहाँ खेल सभी ने खेला,
ना मदद की ढेले की,
पर ज्ञान सबी ने पेला,
मैं बन जाना फकीर,
मैं जग तो की लेना,
नी मैं बन जाना फकीर,
मैं जग तो की लेना,
जिथे ले जावे तकदीर,
ओथे मैं तुर जाना,
बन जाना फकीर....