सांगलपति की दरगाह ठाडी ,दुखिया रा दुःख हरणी,
अडिग आसन है साहेब का ,जय साहेब की करणी,
संत रूप हो आप अरूपी, दुखिया देखी धरणी ,
सत का राज सत शब्दा सागे, सुरता नारी परणी,
अवधूता की धूणी माता,सत की लिया कतरनी,
तैतिष कोटि देवता हाजिर, दुर्गा खप्पर भरणी,
जंतर मंतर जादू टूना में ,संसारी है मरणी
सत्संग नैया मोक्ष दायिनी, पार करे बैतरणी,
खींवादास जी सतगुरु मिलगा, दे दिया नाम निस्सरणी,
नवरंग छोटे मुख से कैया, शोभा जाए वरणी,
विनोद बामणिया