जय महाकाल परम पिता शम्भु नमस्ते
शम्भु नमस्ते सवयमबू नमस्ते
जय महाकाल परम पिता शम्भु नमस्ते
पुण्ये भूमि महाकाल की अवंतिका शुभ नाम
सत्य पूरी में इक यह महा मोकश का धाम,
चित्रा आधी ये उपवने संधि बनी का वास
सर्व कला जिनको सुलब सद गुण जिनके दास
शीशो को गुरु देव ने वेद विधि संस्कार
गुरु संग मिल के सब करे विधि वध मन्त्र उचार