जागो भोले नाथ सुनो अरज हमारी
रक्षा करो हमारी जटा जुट गंग धरी
दबी जा रही है पापो से डरती माँ बेचारी
नेत्र तीसरा खोलो अब तो महाकाल त्रिपुरारी
राज अधर्मी करते जग पे निर्धन तेरे पुजारी
जागो भोले नाथ सुनो अरज हमारी
विश्वनाथ अपनी करुणा का अमृत हमें पीला दो
अपने श्री चरणों में हे सर्वेश्वर हमें जगा दो
काम क्रोध के जाल में उलझे है ये दुनिया सारी
जागो भोले नाथ सुनो अरज हमारी
भगीरथ के पुरखो का उद्धार किया था
लाकर गंगा स्वर्ग से तुमने जीवन दान दिया था
दूर हमारी चिंता कर दो दुःख भये भंजन हारी