महाकाल जपते जपते, दौड़ा चला मैं आऊं,
दिल की सुनाऊं तुमको, किस्मत मेरी संवारूं।
आया हूं तेरे दर पर दुखड़े सभी मिटा दे,
एक आस है तुझी से बिगड़ी मेरी बना दे,
तेरे भरोसे बैठा खाली कभी ना जाऊं,
महाकाल जपते जपते, दौड़ा चला मैं आऊं ।
हमने सुना है बाबा लाखों को तुमने तारा,
भूलों को माफ करके कितनों को है उबारा,
मैं भी शरण पड़ा हूं, किरपा तेरी मैं चाहूं,
महाकाल जपते जपते, दौड़ा चला मैं आऊं
दिल की सुनी है मेरी बिगड़ी बनी है मेरी,
दर पे तुम्हारे आकर, झोली भरी है मेरी,
तुम जैसा कोई जग में, दाता नहीं मैं पाऊं ,
महाकाल जपते जपते, दौड़ा चला मैं आऊं ।