आली रे मेरी नैना बाण पड़ी
नैना वान पड़ी
आली रे मेरी नैना बाण पड़ी
जित चडी मेरे माधुरी मूरत
उर विज आन अड़ी,
आली रे मेरी नैना बाण पड़ी
कैसे प्राण पिया बिनु राखु,
जीवन मोल जड़ी
मीरा गिरधर हाथ बिगाने
लोग कहे बिगड़ी
आली रे मेरी नैना बाण पड़ी
कद की थाड़ी पंथ निहारु,
अपने भवन खड़ी
आली रे मेरी नैना बाण पड़ी