श्री हरिदास
तरज़:-श्री राधा बरसाने वाली,तेरो पुजारी है,
राधे रानी सावरे की प्यारी है,
शामा जू सावरे की प्यारी है,
भोली भाली बरसाने वारी है,
किया गहवरवन में वास,लाडली लीला है न्यारी,
राधा रानी........
राधा नाम की धुन जब लागे,धुन जब लागे,
शाम घूमते पीछे आगे,पीछे आगे,
राधा का दीवाना बिहारी है,भोली भाली,
बरसाने वारी है,
राधा रानी.........
बरसाना बृज की रज़धानी है रज़धानी,
जहां बिराजे राधा रानी राधा रानी,
भक्तों की बिगड़ी सवांरी है,भोली भाली,
बरसाने वारी है,
राधा रानी.........
मुरली में कान्हां जब,और सुर साधे और सुर साधे,
गाती है बंसी श्री राधे राधे श्री राधे राधे,
शामा की महिमा भारी है,भोली भाली बरसाने वारी है,
राधा रानी.........
शामा शाम में भेद न कोई भेद न कोई,
चारों दिशाओं में,जै जै होई जय जय होई,
भूलन की बाधा टारी है,भोली भाली बरसाने वारी है,
राधा रानी.........
किया गहवर वन में वास,लाडली लीला है न्यारी,
राधा रानी सावंरे की प्यारी है,भोली भाली,
बरसाने वाली है राधा रानी........ ।
रचना:-बाबा धसका पागल पानीपत
फोन:-7206526000