जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ

एक दिन मटिया में सबही के सिंगार होइ
जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ

नाती नाते दार, काम नहीं अइहय
गाँव के लोगवा सब खड़े रही जईहय
केवल भाई भतीजे सब कहार होइ  
जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ

महल औ अटारी सब हिये रही जावेगो
धन औ दौलत कोउ साथ नाहीं जावेको
केवल दु गज का कपड़ा बहार होइ  
जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ
एक दिन मटिया में सबही के सिंगार होइ
जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ  

चार कहार मिल लइके चलय डोली  
राम नाम की बोलत बोली
तोहरे जीवन की बगिया में उजार होइ
जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ

कहत कबीर सुनो भाई सब जन
राम नाम का कर लो सुमिरन
तोहरे जीवन में एक दिन बहार होइ
जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ
एक दिन मटिया में सबही के सिंगार होइ
जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ
श्रेणी
download bhajan lyrics (641 downloads)