हो रयो बाबा की नगरी में केसर चंदन को चिड़काव

चंदन को चिड़काव केसर…चंदन को चिड़काव
हो रयो बाबा की नगरी में केसर चंदन को चिड़काव

वाह रे वाह फागुन अलबेला
श्याम धनी का भरता मे ला
वायु मंडल भया सुनेहरा
चाकरियो हु श्याम शरण को,
मन में मोटो चाव
हो रयो बाबा की नगरी मे केसर चंदन को चिड़काव

मन्दिरये में डम्बर फूट्यो
रूह गुलाब का झरना छुटो
प्रीत करि सोहि चस लुट्यो
भ ढभागी मे हुयो अनूठो
दाता को दरसाव
हो रयो बाबा की नगरी मे केसर चंदन को चिड़काव

मेहकण लाग्यो दे श धुधांरो
खोल दियो बाबो भंडारो
सुफल होग्यो मिनक जमानो
मेने यो दिल से शृंगारो
जैसे भयो लगाव
हो रयो बाबा की नगरी में केसर चंदन को चिड़काव

श्याम बहादुर शिव फरियादी
श्याम नाम की नीव ल गादी
मन मंदिर में ज्योत ज गादी
एक झलक अपनी दर्षादी
मिला ह्रिदय का भाव
हो रयो बाबा की नागरी मे केसर चंदन को चिड़काव
चंदन को चिदकव केसर…
हो रयो बाबा की नागरी मे केसर चंदन को चिड़काव

singer:VIKAS RUIYA JI

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