तुझसे ही तो आस लगाएं मेरे श्याम,
मुख से निकले मेरे बाबा तेरा नाम।
जबसे आयी शरण में तेरी मेरे खाटूवाले,
श्याम दीवानी कहते मुझको सारे दुनिया वाले,
अब रहना है शरण में तेरी मेरे श्याम,
मुख से निकले मेरे बाबा तेरा नाम।
कोई कहे तुझे कृष्ण कन्हैया कोई लखदातारी,
आये तेरे द्वार पे बाबा देखो दुनिया सारी,
श्याम श्याम नित मैं रटूं नित आठों याम,
मुख से निकले मेरे बाबा तेरा नाम।
डूबी जब भी किसी की नैया तू ही बना खिवैया,
पार करो मुझको भी भव से मेरे कृष्ण कन्हैया,
‘अविनाश’ भी जपता मुख से तेरा नाम,
मुख से निकले मेरे बाबा तेरा नाम.......