मेरी जीवन रुपी बगिया का तू मालिक है श्याम
मैं नहीं मुरझा सकता सींचा है तूने श्याम
बोलो श्याम........बोलो श्याम.......
दर दर फिरता था बाबा तूने मुझे संभाला है
जिस दिन से तेरे दर पे आया तूने दिया सहारा है
रूठी थी किस्मत मेरी तुमने मनाई श्याम
मैं नहीं मुरझा सकता सींचा है तूने श्याम
बोलो श्याम........बोलो श्याम.......
जगवालों को अपना समझा व्यर्थ ही समय गंवाया था
जब भी मुझको पड़ी ज़रूरत तूने साथ निभाया था
साथ तू बनकर आया हर बार मेरा श्याम
मैं नहीं मुरझा सकता सींचा है तूने श्याम
बोलो श्याम........बोलो श्याम.......
मेरी खुशिया मेरी जीत सब तुमको ही अर्पण है
तू ना होता बाबा तो ये जीवन कितना मुश्किल है
जीत बनकर आया हर मुश्किल में तू श्याम
मैं नहीं मुरझा सकता सींचा है तूने श्याम
बोलो श्याम........बोलो श्याम.......