धन बरसाता है ये माल लुटाता है

धन बरसाता है ये माल लुटाता है,
जब भी मेरी बारी आए पास बुलाता है,

भजन जो भी इसके गाए, ये खाटू छोड़कर आए,
दुखड़े भक्तों के मिटाकर,  मेरा बाबा मुस्काए,
छाए दुख के बादल, जब भी दौड़ा आता है,
जब भी मेरी....

जो हर ग्यारस खाटू जाए, नसीबों वाला कहलाए,
निशान जो बाबा को चढ़ाए, कृपा बाबा कि वो पाए,
उसके घर में संकट, कभी नहीं आता है,
जब भी मेरी....

तमन्ना एक है मेरी,  श्याम तुम दर्शन दे जाओ,
मेरे अंधियारे जीवन में, उजाला तुम लेकर आओ,
"पंकज" तेरे दर पे,  झोली फैलाता है,
जब भी मेरी....

Singer-& wirter - Pankaj pareek..

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