आ तो रहा हूँ द्वार पे,
आता रहूँगा,
तेरे सिवा ओ सांवरे,
किस से कहूँगा,
है ना दाता कोई,
तुमसा संसार में,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया,
क्यों ना ली है ख़बर,
क्यों ना ली है ख़बर,
मेरी दातार ने,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया, श्याम,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया.......
लाखों की बिगड़ी बनी,
तेरे द्वार पे,
लाखों की बिगड़ी बनी,
तेरे द्वार पे,
नजरें मुझ से फेर ली,
आख़िर क्यों आपने,
क्या कमी है दिखी,
क्या कमी है दिखी,
तुझे मेरे प्यार में,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया......
आता रहा हूँ द्वार पे,
आता रहूँगा,
तेरे सिवा ओ सांवरे,
किससे कहूंगा,
है ना दाता कोई,
है ना दाता कोई,
तुझसा संसार में,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया.......
हारे का है एक सहारा,
जग बोले बाबा श्याम,
इसीलिए तो घर से चलकर,
आया खाटू धाम,
करदे अब तू मेहर,
करदे अब तू मेहर,
मेरे परिवार पे,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया........
जय जयकार करूँगा तेरी,
मेरे बाबा श्याम,
फागुन में परिवार लेके,
आऊंगा खाटू धाम,
लाखों देखे करिश्मे,
लाखों देखे करिश्मे,
तेरे दरबार में,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया........
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया,
क्यों ना ली है ख़बर,
क्यों ना ली है ख़बर,
मेरी दातार ने,
अर्जी करते करते,
मैं तो हार गया......