फूलों की है फुलवारी फूलों की बगिया सारी
फूलों में फूल पिरोके बनती है माला न्यारी
फूल अम्बर बरसाए फूल धरती उपजाए
फूलों की माला पहने मैया हमारी
फूलों की है फुलवारी ...............
लाखों फूल खिले गुलशन सा कौन सा किस्मत पाए
जो भी माँ के चरण चढ़ जाए
ऐसे फूल भी हैं दुनिया में बिना खिले मुरझाये
कोई भेद समझ ना पाए
फूल नारद लिए फूल शारद लिए
फूल ब्रह्मा लिए फूल विष्णु लिए
फूलों की वर्षा करते भोले भंडारी
फूलों की है फुलवारी ..............
फूलों की वरमाला लेके जनक दुलारी आई जब था धनुष राम ने तोडा
फूलों से हुआ अवध में स्वागत घर घर खुशियां छाई देखा रामसिया का जोड़ा
फूल जब दो मिले फूल मन के खिले
धूम सितारा मची दीपक घर घर जले
फूलों के भेंट लाये सारे नर नारी
फूलों की है फुलवारी ..............
फूलों में प्रभु श्याम बेस हैं बसी है राधा रानी दोनों सृष्टि के कल्याणी
फूल खिलाये फूल उजाड़े फूलों को दो पानी इसकी महिमा किसी ने ना जानी
लाल पीले हरे फूल खुशबू भरे
फूल देवी पे चढ़े फूले गजरे में जड़े
फूलों में सजे हुए है बांके बिहारी
फूलों की है फुलवारी ..............
फूल कमल फूलों का राजा मन ही मन हरषाये विष्णु नाभि बीच समाये
डाली डाली इसे इसे तोडा गया
एक माला में इसको पिरोया गया
कीचड में प्रेता इसकी किस्मत क्या प्यारी
फूलों की है फुलवारी ..............