तेरी तस्वीर से दिल बेहलाता नही तू भी आती नही दम निकलता नही
तूने बदले है लाखो मुकदर मगर क्यों मेरा ये मुकदर बदलता नही
तेरी तस्वीर से दिल बेहलाता नही.....
अश्क रुकते नही नींद आती नही बेकरारी भी इस दिल से जाती नही,
लाख समजाया है मैंने दिल को मगर
दिल है पागल फिर भी सम्बलता नही
तेरी तस्वीर से दिल बेहलाता नही
थे वीराने जहां तूने गुलशन किये तूने जीवन सभी के है रोशन किये,
मेरे जीवन की अंधियारी राहो में माँ इक दीया भी ख़ुशी का क्यों जलता नही
तेरी तस्वीर से दिल बेहलाता नही
आखिरी वक़्त है पर खुली है नजर आखे तक ती है अब भी माँ तेरी डगर,
सुनके फरयाद भी अपने उस दास की दिल तेरा माँ भला क्यों पिग्लता नही
तेरी तस्वीर से दिल बेहलाता नही