तेरी दया के किस्से दुनिया को मैं सुनाऊ,
जियु जब तलक भवानी तेरे ही गीत गाउ,
जितना भी तेरे दर पर सिर को झुकाया मैंने,
उतना ही ऊचा खुद को दुनिया में पाया मैंने,
फिर क्यों भला किसको मैं दुनिया में आज़माऊ,
जियु जब तलक भवानी तेरे ही गीत गाउ,
तू ही जोत बन समाई हर एक दिल के अंदर,
तेरी ही महिमा गाये धरती गगन समन्दर,
शक्ति अपार तेरी कैसे मैं पार पाउ,
जियु जब तलक भवानी तेरे ही गीत गाउ,
हाथो में तेरे डोरी हर खोट हर खरेगी,
तुझको खबर है साहिल सबके भले बुरे की,
तुमसे छुपा ना कुछ भी लखा तुमसे क्या छुपाऊ,
जियु जब तलक भवानी तेरे ही गीत गाउ,