आओ नन्द नंदन हे चितचोर मुरली मनोहर नवल किशोर
नवल किशोर प्यारो नवल किशोर
बड़ी कठिन प्रेम की राह सखी री मैं का करू
पिया करते नहीं निगाह सखी मैं का करू
बड़ी कठिन प्रेम की राह सखी री मैं का करू
जनम जनम से चलती आयी नित नित नयी नयी ठोकर खायी
फिर भी गंद ना पीके आयी
मेरा छीन हुआ उत्साह सखी री मैं का करू
बड़ी....
पहले मन में प्रीत उगना
आशा से उससे बढ़ाना
बड़ी कठिन प्रेम की राह सखी री मैं का करू