कान्हा मेरे गिरधर गोपाल,
तेरे ही हाथो में भाग्य है सब का
कर दे मुझे माला माल
कान्हा मेरे गिरधर गोपाल
भजति हु श्याम तुझे सुबहो शाम तेरे सिवा न मुख पे कोई भी नाम,
नित जगाऊ तेरे मंदिर में ज्योति,
अब तो जगा दे मेरी किस्मत सोती
कर दे मुझे भी तू निहाल
कान्हा मेरे गिरधर गोपाल,
आशा भरी अखियाँ देके तेरी और
करदे मेरे जीवन में भी सुख की भोर
शिर्ष्टि है सारी कृष्णा तेरे चरण में
लेले मुझे मोहन अपनी शरण में
संकट से मुझे भी तू निकाल
कान्हा मेरे गिरधर गोपाल,
सुख शान्ति की मुझे देदे सोगात
करुनाकी मुझपे करदे बरसात,
सचे मन से करती हु मैं तेरी पूजा
सिवा तेरे सुमिरन के काम नही दूजा
अब मुझको भी तू समबाल,
कान्हा मेरे गिरधर गोपाल,